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Bachpan Sad shayari globazone98

Sad bachpan shayari globazone98
Bachpan sad shayari Globazone98

"वो मिट्टी के खिलौने, वो कागज़ की कश्ती,

अब ना वो बारिश, ना बारिश में मस्ती।

वो माँ की गोदी, वो कहानियों की रातें,

अब सब लगती हैं बस भूली हुई बातें।

बचपन तो बस इक ख़्वाब सा रह गया,

जो था सबसे अपना, अब पराया रह गया।

वो बेफिक्री के दिन, वो मासूम हंसी,

अब हर लम्हा बस उलझनों में फँसी।

ना वो दोस्त, ना वो गलियां पुरानी,

हर बात में अब बस दुनियादारी समानी।

काश फिर से लौट पाते उन राहों में,

जहाँ खुशियाँ थी बस छोटी-छोटी बाहों में।

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